बिहार के पूर्णिया जिले से नई खबर है कि राज्य में Bihar Land Survey नामक एक विशेष जमीन सर्वे अभियान शुरू हो चुका है। इस अभियान के अंतर्गत, सरकारी कर्मचारी घर-घर जाकर भूमि स्वामियों से मुलाकात कर जमीन की विस्तृत जांच पड़ताल कर रहे हैं। इस प्रक्रिया से जमीन से संबंधित सभी विवादों और दस्तावेज़ों की समस्याओं को सुलझाया जा सकेगा।
गोवासी क्षेत्र में, लोगों को जमीन सर्वे की प्रक्रिया और महत्व के बारे में जागरुक करने के लिए जागरुकता कैंप लगाए गए हैं। यहाँ आयोजित आमसभा में अधिकारियों ने हजारों ग्रामीणों को इकट्ठा करके इस सर्वे के फायदे बताए। बिहार सरकार की यह पहल न केवल भू स्वामियों के लिए राहत भरी है, बल्कि यह डिजिटल मोड के माध्यम से सभी जमीनी दस्तावेज़ों को सुव्यवस्थित करने में मददगार साबित होगी।
इस प्रकार, बिहार में जमीन से जुड़े विवादों और अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए यह विशेष सर्वे एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न सिर्फ सरकारी जमीनों की पहचान में आसानी होगी, बल्कि जमींदारों को भी उनकी संपत्ति की सही जानकारी मिलेगी, जिससे वे भविष्य में किसी भी तरह की दिक्कत से मुक्त रह सकेंगे।
कैंप में आए विशेष जमीन सर्वेक्षण के अधिकारी ने दी जानकारी !
बिहार में चल रहे Bihar Land Survey अभियान के दौरान, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सर्वेक्षण अधिकारियों ने जमीनी स्थिति की जानकारी दी। इस खास मौके पर, विशेष सर्वेक्षण अधिकारी अरुण कुमार और अमीन शेखर सुमन के साथ मुख्य जनप्रतिनिधि अफरोज आलम ने बताया कि इस सर्वेक्षण का मकसद भूमि मालिकों और सरकार के बीच स्पष्टता लाना है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस सर्वे से किसी भी व्यक्ति को हानि नहीं पहुंचेगी, बल्कि यह भूमि विवादों को समाप्त करने में मदद करेगा। सर्वेक्षण टीम प्रत्येक प्लॉट का निरीक्षण करके उसका पूरा विवरण तैयार करेगी, जिससे सभी को उनकी संपत्ति की सही जानकारी मिल सके।
यह सभी दस्तावेज़ है ज़रूरी
बिहार विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, अरुण कुमार के अनुसार Bihar Land Survey की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में विस्तृत है:
- दस्तावेज़ जमा करना: जमीन के सभी दावेदारों या भू-स्वामियों को उनकी जमीन से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज जमा कराने होंगे।
दस्तावेज़ों की सूची:
- वंशावली
- खतियान
- केवाला
- लाल कार्ड
- बंदोबस्त
- दान पत्र
- भौतिक सत्यापन: दस्तावेज जमा करने के बाद, सर्वेक्षण टीम जमीन का भौतिक सत्यापन करेगी। इसमें खेसरा, रकवा, और चौहद्दी की जांच शामिल है।
- परिणाम: यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि सभी जमीन का विवरण सही और अपडेटेड हो।
ये चरण बिहार में जमीन की सटीक और विश्वसनीय जानकारी को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण हैं।
तीन तरह के साक्ष्य होंगे मान्य
बिहार में जमीन के सर्वेक्षण के दौरान, Bihar Land Survey के अनुसार, जमीन की प्रकृति पर निर्भर करते हुए तीन प्रकार के दस्तावेज़ स्वीकार्य होंगे। अगर जमीन पुश्तैनी है, तो खतियान की आवश्यकता होगी। वहीं, खरीदी गई जमीन के लिए रजिस्ट्री दस्तावेज़ जरूरी हैं और सरकार से प्राप्त जमीन के लिए पर्चा या बासगीत पर्चा मान्य होगा। यदि किसी जमीन की रसीद हाल ही में अपडेट नहीं की गई है, तो भी पुरानी रसीद स्वीकार की जाएगी। म्यूटेशन की अनुपस्थिति में भी इससे किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। सर्वे कर्मचारी केवल तभी सपोर्टिंग दस्तावेज़ मांगेंगे जब प्रस्तुत मुख्य दस्तावेज़ में कोई कमी पाई जाएगी।
सर्वे ट्रैकिंग ऐप पर देख सकते हैं प्लॉट से जुड़ी जानकारी
जब आपके पास अपनी जमीन से जुड़े जरूरी कागजात नहीं हों, तो आवश्यक है कि आप Bihar Land Survey के दौरान उन्हें एकत्र कर लें। इस सर्वे की प्रक्रिया समाप्त होने पर, आगामी 30 दिनों में जमीन का मानचित्र तय किया जाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों की सीमाओं की पुष्टि होगी। इसके साथ ही, हवाई सर्वे द्वारा नक्शे को नवीनीकृत किया जाएगा। प्रत्येक खाता नंबर की पुष्टि के बाद, खेसरा नंबरों को व्यवस्थित किया जाएगा और रैयतवार खेसरा का निर्माण होगा। इस पूरी प्रक्रिया की वर्तमान स्थिति और अपनी संपत्ति की जानकारी आप सर्वे ट्रैकिंग ऐप के माध्यम से देख सकते हैं।
पुश्तैनी जमीन पर कब्जे की स्थिति में क्या करेंगे?
नई दिल्ली की एक रिपोर्टिंग टीम ने हाल ही में जहानाबाद के बंदोबस्त पदाधिकारी, उपेंद्र प्रसाद से मुलाकात की। इस वार्ता में, उनसे Bihar Land Survey के संबंध में प्रश्न किए गए जिसमें जमीन के अनधिकृत कब्जे की समस्याओं पर चर्चा हुई। प्रसाद ने बताया कि यदि किसी ने पुश्तैनी जमीन पर बिना अधिकार के कब्जा किया है, तो सर्वे के दौरान उस व्यक्ति को पहले अपनी समस्या की घोषणा करनी चाहिए।
उन्होंने आगे समझाया कि जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे, और अगर किसी ने गैरकानूनी तरीके से जमीन पर कब्जा रखा है, तो उस व्यक्ति से भी संबंधित दस्तावेज़ मांगे जाएंगे। स्वघोषणा के बाद, जब प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तो जमीन का वर्तमान स्थिति वाला खाता खसरा और रकवा के साथ Land Partial Map (एलपीएम) जारी किया जाता है। यह एलपीएम नए नक्शे और अधिकार अभिलेखों की जांच के बाद जारी होता है, जिसे देखकर किसान अपनी आपत्तियाँ दर्ज करा सकते हैं।
Bihar Land Survey FAQ’s
1. Bihar Land Survey क्या है?
Ans. Bihar Land Survey बिहार सरकार का एक विशेष अभियान है जिसमें राज्य की जमीन की विस्तृत जांच और सर्वेक्षण किया जाता है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जमीन की सही स्थिति और स्वामित्व की पुष्टि करना है।
2. यह सर्वे कब तक चलेगा?
Ans. यह सर्वे की शुरुआती तिथियां और अवधि विभाग द्वारा निर्धारित की गई हैं, और यह स्थानीय निकायों के अनुसार भिन्न हो सकती है। सटीक जानकारी के लिए आपको अपने स्थानीय बंदोबस्त कार्यालय से संपर्क करना चाहिए।
3. सर्वे में कौन सी जानकारियां एकत्रित की जाती हैं?
Ans. सर्वे में जमीन के स्थान, आकार, स्वामित्व की प्रकृति, और उपयोग की गई जानकारियां शामिल होती हैं। इसमें जमीन की वर्तमान स्थिति और उसके इतिहास को भी शामिल किया जाता है।
4. अगर मेरी जमीन पर किसी और का दावा है तो मैं क्या कर सकता हूँ?
Ans. अगर आपकी जमीन पर किसी और का दावा है, तो आपको विधिवत दस्तावेजों के साथ अपने स्थानीय बंदोबस्त कार्यालय में संपर्क करना चाहिए। सर्वे के दौरान, आप अपनी समस्या की घोषणा कर सकते हैं और सरकारी अधिकारी इस मुद्दे की जांच करेंगे।
Bihar Land Survey Overview
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