केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में बताया कि नई Unified Pension Scheme से शुरुआती तौर पर 23 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लाभ मिलने की संभावना है। इस योजना को अगर राज्य सरकारें भी अपनाती हैं, तो लाभान्वित कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 90 लाख हो सकती है।
भारत सरकार ने New Pension Scheme (NPS) की जगह इस नई योजना को लागू करने का निर्णय लिया है। इसके लागू होने की तारीख अगले वर्ष 1 अप्रैल निर्धारित की गई है। सरकार के अनुसार, कर्मचारी चाहें तो NPS या नए UPS में से किसी एक स्कीम का चयन कर सकते हैं। आज हम इसी विषय में गहराई से जानेंगे कि UPS, NPS, और OPS क्या हैं और ये योजनाएं किस प्रकार से कर्मचारियों के लिए लाभदायक साबित हो सकती हैं।
Unified Pension Scheme से होगा 23 लाख कर्मचारियों को फायदा
भारत सरकार ने हाल ही में Unified Pension Scheme की शुरुआत की है, जिसे केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। इस नई योजना के अंतर्गत, केंद्रीय कर्मचारियों की संख्या जो लाभान्वित होगी वह 23 लाख है। मंत्री जी ने यह भी सुझाव दिया कि अगर राज्य सरकारें भी इस योजना को अपनाती हैं, तो इससे लाभान्वित लोगों की संख्या बढ़कर 90 लाख तक पहुँच सकती है।
इस योजना की विशेषता यह है कि वर्ष 2004 के बाद से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को भी एरियर्स का भुगतान किया जाएगा। साल 2004 में, तत्कालीन सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को समाप्त कर नई पेंशन योजना को लागू किया था। अब, वर्तमान सरकार ने यूपीएस के माध्यम से पेंशन योजना को और अधिक लाभकारी बनाया है, जिसमें कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन का वादा किया गया है।
इस योजना के तहत, कर्मचारी को रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों के औसत बेसिक वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। यह लाभ उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जिन्होंने कम से कम 25 वर्षों तक सेवा प्रदान की हो। यदि किसी कर्मचारी की सेवावधि 25 वर्ष से कम है, लेकिन 10 वर्ष से अधिक है, तो उन्हें पेंशन का अनुपातिक लाभ मिलेगा।
मृत्यु होने पर पत्नी या पति को मिलेगा, 60 फीसदी का भुगतान
जब कोई कर्मचारी रिटायर हो जाता है, तो Unified Pension Scheme के अंतर्गत उनकी मौत के बाद, उनके परिवार को, जैसे कि उनकी पत्नी या पति, उनकी पेंशन का 60 प्रतिशत हिस्सा मिलता है। इस पेंशन की राशि का निर्धारण उस समय की जाता है जब कर्मचारी की मृत्यु होती है, और यह उस समय उनकी बनी हुई पेंशन के अनुसार होता है।
10 वर्ष की नौकरी होने पर 10 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी
नई Unified Pension Scheme के अंतर्गत, भारत सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक न्यूनतम पेंशन योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, जो कर्मचारी कम से कम 10 वर्ष तक सेवा करते हैं, उन्हें प्रति महीने कम से कम 10,000 रुपये की पेंशन प्राप्त होगी। इसके अलावा, सरकार अब महंगाई भत्ते (DA) के बजाय महंगाई राहत (DR) प्रदान करेगी, जिसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनुसार मूल्यांकित किया जाएगा। यह पहल उन कर्मचारियों के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की गई है जो दीर्घकालिक सेवाओं में योगदान देते हैं।
क्या है न्यू पेंशन योजना (NPS)
यदि हम नई पेंशन प्रणाली की चर्चा करें तो इसमें एक स्थिर पेंशन प्राप्त करने की कोई गारंटी नहीं मिलती है। इस Unified Pension Scheme के अंतर्गत कर्मचारी की मूल वेतन और महंगाई भत्ता (DA) का 10 प्रतिशत हिस्सा कटौती के रूप में लिया जाता है। यह योजना शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है, जिसके कारण इसे बेहद सुरक्षित नहीं माना जाता।
रिटायरमेंट के बाद पेंशन प्राप्त करने के लिए किसी को अपने NPS फंड का कम से कम 40 प्रतिशत हिस्सा निवेश करने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, इस योजना में महंगाई भत्ते और अन्य लाभों की प्राप्ति के लिए छह महीने के बाद की कोई व्यवस्था नहीं है। इस योजना को लेकर कई कर्मचारी संगठनों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है, जिसमें वे बताते हैं कि सरकार द्वारा मूल वेतन का 10 प्रतिशत योगदान दिया जाता है।
NPS वाले कर्मचारी भी यूपीएस स्कीम में हो सकेंगे शामिल
कर्मचारियों के लिए एक नई सुविधा की घोषणा की गई है, जिन्होंने पहले ही नई पेंशन स्कीम को अपनाया है। अब वे Unified Pension Scheme में भी शामिल हो सकते हैं। इस योजना में स्थानांतरण करने का विकल्प उन्हें केवल एक बार मिलेगा और एक बार चुनाव करने के बाद, वे दोबारा इस प्रक्रिया को नहीं अपना सकेंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया कि जो कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना के तहत रिटायर होंगे, उन्हें भी इस नई स्कीम के तहत लाभ मिलेगा।
क्या थी पुरानी पेंशन स्कीम (OPS)
भारतीय सरकार के पेंशन योजनाओं में हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) के तहत, सरकारी कर्मचारियों को उनके वेतन का आधा हिस्सा रिटायरमेंट के समय पेंशन के रूप में मिलता था, जिसमें उनके वेतन से कोई कटौती नहीं की जाती थी। इसके अतिरिक्त, यदि किसी कर्मचारी का निधन हो जाता, तो उनके परिजनों को भी पेंशन का लाभ मिलता था। यह योजना ग्रेच्युटी राशि के रूप में 20 लाख रुपये तक की पेशकश करती थी और इसमें जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) तथा हर छह महीने पर महंगाई भत्ता (DA) प्रदान किया जाता था।
वहीं, नई पेंशन योजना (NPS) और Unified Pension Scheme में संरचनात्मक परिवर्तन किए गए हैं, जो अधिक स्थायित्व और भविष्य की जरूरतों के अनुसार डिज़ाइन की गई हैं। इस योजना में, कर्मचारियों के वेतन से निश्चित प्रतिशत में योगदान किया जाता है, जो उनके रिटायरमेंट फंड में जमा होता है और निवेश किया जाता है। इस प्रकार, कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय पेंशन की राशि निवेश की गई राशि और बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।
ये बदलाव न केवल पेंशन प्रणाली को अधिक लचीला बनाते हैं बल्कि यह सुनिश्चित करते हैं कि कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित रहे। इसके अलावा, ये योजनाएं अधिक पारदर्शिता और बेहतर निवेश विकल्प प्रदान करती हैं, जो कि वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देते हैं।
Unified Pension Scheme FAQ’s
Q. Unified Pension Scheme क्या है?
Ans. Unified Pension Scheme एक संगठित पेंशन योजना है जिसे भारत सरकार ने विभिन्न पेंशन योजनाओं को एकीकृत करने के लिए पेश किया है। इस योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को निश्चित और स्थिर पेंशन प्रदान करना है।
Q. इस योजना में कौन कौन से कर्मचारी शामिल हो सकते हैं?
Ans. इस योजना में सरकारी, अर्ध-सरकारी, और निजी क्षेत्र के कर्मचारी शामिल हो सकते हैं।
Q. Unified Pension Scheme में निवेश की विधि क्या है?
Ans. इस योजना के तहत, कर्मचारियों के वेतन से एक निश्चित प्रतिशत योगदान किया जाता है, जो कि विभिन्न प्रकार के निवेश विकल्पों में लगाया जाता है।
Q. क्या इस योजना के तहत ग्रेच्युटी का प्रावधान है?
Ans. हां, Unified Pension Scheme के तहत ग्रेच्युटी का प्रावधान है, जो कि कर्मचारी की सेवा की अवधि के आधार पर निर्धारित की जाती है।