Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) की शुरुआत भारत में खरीफ 2016 के मौसम से हुई, जिसे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली के तत्वावधान में लागू किया गया था। रबी 2016 से नेशनल इंश्योरेंस कंपनी ने इस योजना में भाग लेना शुरू किया।
इस योजना के तहत, पिछले पांच मौसमों के दौरान—रबी 2016-17, खरीफ और रबी 2017, और खरीफ और रबी 2018—में 8 राज्यों और कई केंद्र शासित प्रदेशों में 70,27,637 किसानों को कवर किया गया। किसानों द्वारा प्रीमियम के रूप में 453 करोड़ रुपये और राज्य व केंद्र सरकार की सब्सिडी के रूप में 1909 करोड़ रुपये जमा किए गए, जिससे कुल प्रीमियम 2362 करोड़ रुपये हो गया।
इनमें से, पहले तीन मौसमों में 35,22,616 किसानों से 1804 करोड़ रुपये का प्रीमियम एकत्रित किया गया और 1703 करोड़ रुपये के दावे भुगतान किए गए, जिससे 17,66,455 किसानों को लाभ हुआ। यह बताता है कि बीमित किसानों का लगभग आधा हिस्सा संतुष्ट हुआ।
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 13 जनवरी 2016 को Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) का अनावरण किया। इस योजना का उद्देश्य उन किसानों की मदद करना है जो अपनी खेती के लिए ऋण लेते हैं और खराब मौसम की चुनौतियों से अपनी फसलों की रक्षा करना चाहते हैं।
इसके अलावा, बीमा दावों के निपटान की प्रक्रिया को तेज और सुविधाजनक बनाने की भी व्यवस्था की गई है, ताकि किसानों को फसल बीमा योजना से संबंधित किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। यह योजना भारत के प्रत्येक राज्य में राज्य सरकारों के सहयोग से लागू की जाएगी और इसका प्रशासन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana
किसानों को Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) के तहत, खरीफ की फसलों के लिए मात्र 2% और रबी की फसलों के लिए 1.5% प्रीमियम देना होता है। वहीं, वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए प्रीमियम केवल 5% होता है।
इन छोटे प्रीमियम दरों का बाकी हिस्सा सरकार वहन करती है, ताकि प्राकृतिक आपदाओं में हुई फसल की हानि के लिए किसानों को पूरी बीमित राशि मिल सके। पहले जहाँ प्रीमियम दर पर सीमा थी, वहीं अब उसे हटा दिया गया है और किसान पूरी बीमित राशि का दावा कर सकते हैं।
टेक्नोलॉजी के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि दावा भुगतान में देरी को कम किया जा सके। फसल काटने के डेटा को स्मार्टफोन, रिमोट सेंसिंग ड्रोन, और जीपीएस तकनीक के माध्यम से एकत्रित और अपलोड किया जाएगा। वर्ष 2016-17 के बजट में इस योजना के लिए 5,550 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था।
इस योजना को भारतीय कृषि बीमा कंपनी (AIC) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। PMFBY राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NAIS) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (MNAIS) का एक उन्नत संस्करण है, जिसे सेवा कर से छूट प्रदान की गई है।
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana के उद्देश्य
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) एक महत्वपूर्ण सरकारी पहल है जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और रोगों के कारण फसलों की विफलता से होने वाले नुकसान से बचाना है। इस योजना के तहत, यदि किसी भी अधिसूचित फसल को नुकसान पहुँचता है, तो किसानों को बीमा कवरेज और आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है जिससे वे आपदा की स्थिति में अपनी आय को बनाए रख सकें।
इसके अलावा, यह योजना किसानों को उनकी खेती की आय को स्थिर करने और उन्हें कृषि में नवाचारों और आधुनिक प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करने का भी काम करती है। इससे किसानों में आत्मनिर्भरता बढ़ती है और वे नवीन तकनीकों के प्रयोग के लिए अधिक उत्साहित होते हैं।
इस योजना के तहत ऋण प्रवाह की सुविधा भी सुनिश्चित की जाती है, जिससे कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ता है और किसान अपने खेती के कार्यों को बिना किसी आर्थिक बाधा के आगे बढ़ा सकते हैं।
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana के लाभ
- प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों का कवरेज:
- सभी किसान जो अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसलें उगाते हैं, वे इस योजना के लिए पात्र हैं। इसमें पट्टेदार और जोतदार किसान भी शामिल हैं।
- गैर ऋणी किसानों को अपनी भूमि के दस्तावेज जैसे भूमि रिकार्ड अधिकार (ROR), भूमि कब्जा प्रमाण पत्र (LPC) आदि प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है।
- राज्य सरकार द्वारा अनुमति प्राप्त अन्य संबंधित दस्तावेज भी जरूरी होते हैं।
- अनिवार्य और स्वैच्छिक घटक:
- ऋण लेने वाले किसानों के लिए अनिवार्य घटक के तहत, मौसमी कृषि कार्यों के लिए ऋण लिया गया हो, तो उन्हें बीमा कवर प्राप्त होता है।
- गैर ऋणी किसानों के लिए, यह योजना वैकल्पिक है।
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला किसानों की अधिकतम कवरेज के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं।
- फसलों की कवरेज:
- खाद्य फसलें (अनाज, बाजरा, दालें), तिलहन और वार्षिक वाणिज्यिक/बागवानी फसलें शामिल हैं।
- जोखिम कवरेज:
- बुवाई/रोपण के समय रोक के कारण (कम बारिश या खराब मौसम के कारण) कवरेज।
- खड़ी फसल के दौरान सूखा, बाढ़, कीट और रोग, भूस्खलन, प्राकृतिक आग और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान कवरेज।
- कटाई के बाद के नुकसान और स्थानीय आपदाएं जैसे मूसलधार बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से उत्पन्न क्षति कवरेज।
- जोखिम के अपवर्जन:
- युद्ध, परमाणु खतरे, दंगा, दुर्भावनापूर्ण क्षति, चोरी, घरेलू और जंगली जानवरों द्वारा फसलों का चरना जैसे कारणों से होने वाले नुकसान बीमा कवर से बाहर हैं।
- बीमित राशि/कवरेज की सीमा:
- ऋणी किसानों के लिए, बीमित राशि जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा निर्धारित होती है और यह बीमित फसल की अधिकतम उपज के मूल्य तक बढ़ाई जा सकती है।
PMFBY के लिए आवश्यक योग्यता
- किसान की स्थिति: पहली और सबसे महत्वपूर्ण योग्यता यह है कि आवेदक को एक किसान होना चाहिए। यह छोटे और सीमांत किसान हो सकते हैं या बड़े किसान भी।
- खेती की जमीन का प्रमाण: आवेदक के पास खेती के लिए उपयोग में लाई जाने वाली जमीन के स्वामित्व का प्रमाण होना चाहिए। यदि जमीन पट्टे पर ली गई है, तो उसकी वैधता का प्रमाण पत्र होना चाहिए।
- फसल का प्रकार: यह योजना विशेष रूप से उन फसलों के लिए है जो योजना में शामिल हैं। आवेदक को उन्हीं फसलों के लिए बीमा कवरेज के लिए आवेदन करना होगा जो योजना द्वारा समर्थित हैं।
- पिछले फसल बीमा: अगर किसान ने पहले किसी फसल के लिए बीमा लिया हुआ है, तो उसके पूरे विवरण और दस्तावेज योजना के तहत जमा करने होंगे।
- बैंक खाता: किसान का एक सक्रिय बैंक खाता होना चाहिए जहाँ से वे प्रीमियम का भुगतान कर सकें और बीमा राशि प्राप्त कर सकें।
इन योग्यताओं को पूरा करने वाले किसान Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana के अंतर्गत अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं और विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से सुरक्षित रह सकते हैं।
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana Documents
- पंजीकरण फॉर्म: किसानों को इस योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा कराने के लिए पहले पंजीकरण फॉर्म भरना पड़ता है। यह फॉर्म विभिन्न राज्य सरकारों के कृषि विभागों या ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध होता है।
- आधार कार्ड: आधार कार्ड किसान की पहचान और भारतीय नागरिकता का प्रमाण होता है, जो योजना के लिए आवश्यक है।
- बैंक खाता विवरण: बीमा राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है, इसलिए सही बैंक खाता विवरण देना अनिवार्य है।
- भूमि रिकॉर्ड: किसान के पास जो भूमि है, उसके रिकॉर्ड या 7/12 उतारा भी जमा करना पड़ता है ताकि यह साबित हो सके कि बीमित फसल उसी भूमि पर उगाई जा रही है।
- हाल की फसल की तस्वीरें: किसानों को अपनी फसल की हाल की तस्वीरें भी दिखानी होती हैं, जिससे यह पता चल सके कि फसल स्वस्थ और उपयुक्त रूप में है।
इस तरह से, Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) न केवल किसानों को उनकी फसलों की सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि उन्हें आर्थिक सुरक्षा भी देती है, जिससे वे प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव से बेहतर ढंग से निपट सकते हैं।
प्रधान मंत्री फसल बिमा योजना का आवेदन कैसे करे?
यह योजना भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में किसानों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत, किसानों को उनकी फसलों के नुकसान की स्थिति में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। आवेदन प्रक्रिया काफी सरल है और इसे कई माध्यमों से किया जा सकता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं:
- योजना की पात्रता: प्रधान मंत्री फसल बिमा योजना के लिए पात्र होने के लिए, आवेदक को भारतीय किसान होना चाहिए और उसे खेती की जमीन का मालिक होना आवश्यक है।
- आवेदन की प्रक्रिया: आवेदन को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन के लिए किसान भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं।
- दस्तावेजों की आवश्यकता: आवेदन करते समय, किसान को अपनी जमीन के पट्टे की प्रति, पहचान पत्र और अन्य संबंधित दस्तावेजों की जरूरत होती है।
- प्रीमियम राशि: योजना के तहत, प्रीमियम की राशि काफी कम होती है, जिससे किसानों को इसका लाभ उठाने में आसानी होती है।
- क्लेम प्रक्रिया: किसी भी प्राकृतिक आपदा या अन्य कारणों से फसल के नुकसान पर, किसान बिना किसी जटिलता के क्लेम कर सकते हैं। सरकार द्वारा क्लेम की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है।
किसान इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ उठा सकते हैं और अपनी फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
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